Class 12 Chemistry Chapter 5 के लिए NCERT Solution Surface Chemistry एक अनिवार्य अध्ययन सामग्री है जो सतह रसायन विज्ञान विषयों की पूर्णता के लिए आवश्यक है। यहां दिए गए कक्षा 12 के रसायन विज्ञान अध्याय 5 PDF के इन समाधानों में पाठ्यपुस्तकों, NCERT की अनुकरणीय समस्याओं, लघु और दीर्घ उत्तरीय प्रश्नों के उत्तर हैं।
सतह रसायन परीक्षा के दृष्टिकोण से भी एक महत्वपूर्ण विषय है क्योंकि यह अध्याय class 12th chemistry board परीक्षा में चार अंक रखता है। सतह रसायन विज्ञान और NCERT समाधानों में प्रदान किए गए कार्यपत्रक और अभ्यास आपको अध्याय सतह रसायन विज्ञान की अवधारणाओं को समझने में मदद करेंगे। इससे छात्रों को लंबे समय तक अवधारणाओं को याद रखने में मदद मिलेगी। छात्र surface chemistry class 12 NCERT के Notes पर भी महत्वपूर्ण प्रश्न ले सकते हैं जो संशोधन के समय काम आते हैं।
MP Board Class 12th Chemistry Chapter 5 Notes
सतह रसायन या पृष्ठ विज्ञान रसायन अध्याय विज्ञान की कुछ महत्वपूर्ण विशेषताओं जैसे कि adsorption, catalysis और colloids से संबंधित है, जिसमें पायस और जैल शामिल हैं। इस अध्याय का अध्ययन करने के बाद, छात्र इंटरफैसिक घटना और इसके महत्व का वर्णन करने में सक्षम होंगे; सोखना (adsorption) परिभाषित करें और इसे भौतिक और रासायनिक सोखना में वर्गीकृत करें; सोखना के तंत्र की व्याख्या करें; ठोस पदार्थों पर गैसों और समाधानों से सोखना को नियंत्रित करने वाले कारकों की व्याख्या करें; Freundlichसोखना isotherms के आधार पर सोखना परिणामों की व्याख्या; उद्योग में उत्प्रेरक की भूमिका की सराहना; कोलाइडल की प्रकृति की गणना करना; कोलाइड्स की तैयारी, गुणों और शुद्धि का वर्णन करें; इमल्शन को वर्गीकृत करें और उनकी तैयारी और गुणों का वर्णन करें; जेल गठन की घटना का वर्णन करें; कोलाइड्स के उपयोग को सूचीबद्ध करें।
MP Board Class 12th Chemistry Chapter 5 Notes
उत्तर -1) पृष्ठ रसायन (Surface Chemistry)– रसायन विज्ञान की वहशाखा जिसके अंतर्गतठोस या द्रवकी सतह परहोने वाले परिवर्तनतथा क्रियाविधि काअध्ययन किया जाताहै उसे पृष्ठरसायन कहते है।
उत्तर -2)अधिशोषण (Adsorption)– जब किसीगैस या द्रवकी किसी ठोसकी सतह परसंद्रता उसके स्थूल (bulk)में उपस्थित संदृताकी अपेक्षा अधिकहोती है, तबइसे अधिशोषण कहतेहैं।
अधिशोषण तथा अवशोषण में अंतर |
||
No |
अधिशोषण (Adsorption) |
अवशोषण (Absorption) |
1) |
यह एक प्रष्ठिय प्रक्रिया है। |
यह सम्पूर्ण पदार्थ में समान रूप से होने वाली प्रक्रिया है |
02) |
द्रव या गैस की ठोस पदार्थ की सतह पर संद्रता अन्य स्थानों से अधिक होती है। |
इसमें एक पदार्थ के अणु दूसरे पदार्थ के स्थूल में समान रूप से वितरित रहते है। |
04) |
अधिशोषण में किसी अधिशोसक के प्रष्ठीय अणु या परमाणु ही सक्रिय भाग लेते है। |
अवशोषण में अवशोषक के सभी अणु या परमाणु भाग लेते है। |
उत्तर– 4) अधिशोषक (Adsorbent):- वह ठोस पदार्थजिसकी सतह परअधिशोषण होता है, अधिशोषक कहलाता है।
अधिशोष्य (Adsorbate):- अधिशोषित पढ़ार्थ अधिशोष्य कहलाताहै।
विशोषण (Desoption) :- अधिशोष्यपदार्थ के अधिशोषकपृष्ठ से विलगहो जाने कीप्रक्रिया विशोषण कहलाती है।
उत्तर -5) अधिशोषण ठोस कीसतह पर असंतुलितबलों की उपस्तिथिके कारण होताहै। इन असंतुलितबलों में ठोसकी सतह केसम्पर्क में आनेवाले गैस, द्रवया ठोस केकणों को अपनीओर आकर्षित करनेकी क्षमता होतीहै ये कणठोस की सतहसे संलग्न बनेरहते है जिससेठोस की सतहपर इनका सांद्रणबढ़ जाता है।
उत्तर -6) अधिशोषण दो प्रकारका होता है–
1) भौतिक अधिशोषण :- जब अधिशोषणपदार्थ के अणु, अधिशोषण की किसीसतह से दुर्बलआकर्षण बलों केद्वारा बंधे रहतेहै, तब इसेभौतिक अधिशोषण कहतेहै।
2) रासायनिकअधिशोषण :- जब अधिशोषितपदार्थ के अणु,अधिशोषक की सतहपर उन बन्धोया बलों केद्वारा रोके जातेहै जोकि समान्यरासायनिक बन्धन के निर्माणमें प्रयुक्त होतेहै , तो इसेरासायनिक अधिशोषण कहते है।
उत्तर -7) भौतिक अधिशोषण एवं रासायनिक अधिशोषण में अंतर
क्रं० |
भौतिक अधिशोषण |
रासायनिक अधिशोषण |
01) |
अधिशोष्य ओर अधिशोषण के मध्य दुर्बल वांडर वाल्स बल कार्य करते है। |
अधिशोष्य और अधिशोषण के मध्य प्रवल रासायनिक बल कार्य करते हैं। |
02) |
भौतिक अधिशोषण उत्क्रमणीय होता है। |
रासायनिक अधिशोषण अनुत्क्रमणीय होता है। |
03) |
निम्न ताप पर होता है तथा ताप वृद्धि पर घटता है। |
उच्च ताप पर होता है। |
उत्तर:- ठोसों के द्वारागैसों के अधिशोषणको प्रभावित करनेवाले कोई दोकारक निम्न है
- अधिशोषककी प्रकृति एवंपृष्ठ क्षेत्रफल !
- दाबका प्रभाव
- तापका प्रभाव
प्रश्न:- 9) अधिशोषण के कोईदो अनुप्रयोग लिखिए
उत्तर:- अधिशोषण के कोई दो अनुप्रयोग
- चीनी को रंगहीनकरने में
- पेट्रोलियमपरिष्करण में
- जल के मधुकरणमें
प्रश्न:- 10) उत्प्रेरण किसे कहते हैं इनके प्रकारों को समझाए?
उत्तर:- उत्प्रेरण:- वह पदार्थ जो अपनी उपस्थिति मात्र से किसी रासायनिक क्रिया के वेग को घटा या बड़ा देता हैं और स्वयं क्रिया के अंत में भार व रासायनिक संघट की दृष्टि से अपरिवर्तित रहता है, उत्प्रेरक कहलाता हैं और इस प्रकार की क्रिया उत्प्रेरण कहलाती हैं ।
उदाहरण:-
उत्प्रेरण के प्रकार:-
- धनात्मक उत्प्रेरण
- ऋणात्मक उत्प्रेरण
- स्व-उत्प्रेरण
- प्रेरित उत्प्रेरण
उदाहरण:-
प्रश्न:- 12) ऋणात्मक उत्प्रेरण किसे कहते है ?
उत्तर:- ऋणात्मक उत्प्रेरण:- ऐसे पदार्थ जो किसी रासायनिक अभिक्रिया के वेग को मंद कर देते हैं ऋणात्मक उत्प्रेरक कहलाते हैं और अभिक्रिया का वेग मंद होने की क्रिया को ऋणात्मक उत्प्रेरण कहते हैं
उदाहरण:-
प्रश्न-13) उत्प्रेरक वर्धक किसे कहतेहै?
उत्तर – उत्प्रेरक वर्धक (Catalytic Promoter) वेपदार्थ जो उत्प्रेरककी कार्य क्षमताको बढ़ा देतीहै, उत्प्रेरक वर्धककहलाता है।
उदाहरण:-
प्रश्न-14) उत्प्रेरकविष किसे कहतेहै ?
उत्तर – उत्प्रेरक विष (Catalytic Poisons ):- वे पदार्थजो उत्प्रेरक कीकार्य क्षमता कोकम कर देतीहै या कार्यक्षमता को नष्टकर देती है।
उदाहरण:-
प्रश्न -15) उत्प्रेरकों के प्रमुख गुण लिखिए ?
उत्तर – उत्प्रेरकों के प्रमुख गुण:-
- उत्प्रेरक उत्पाद की प्रकृति को नहीं बदल सकता !
- धनात्मक उत्प्रेरक सक्रियण ऊर्जा को कम करते हैं !
- उत्प्रेरक किसी रासायनिक क्रिया को प्रारंभ नहीं करता, केवल उसके वेग को घटा या बढ़ा सकता है
प्रश्न-15) समांगी एवं विषमांगीउत्प्रेरण को समझाइए।
उत्तर – समांगी उत्प्रेरण (Homogeneous Catalysis):- जब उत्प्रेरकऔर अभिकारक दोनोंकी भौतिक अवस्थाएक – सी होतीहै और वेसमांगी मिश्रण बनाते है, तो इसे समांगीउत्प्रेरण कहते हैं।
उदाहरण :-
विषमंगी उत्प्रेरण (Heterogeneous Catalysis):- जब अभिकारक औरउत्प्रेरक की भौतिकअवस्था एक – सीनहीं होती हैतो इसे विषमंगीउत्प्रेरण कहते है।
उदाहरण :- हैबर विधि
प्रश्न -16) फ्रायण्डलिक अधिशोषण समतापी व्यंजकको समझाइए ?
उत्तर – स्थिर ताप पर अधिशोषित पदार्थ की मात्रा को दाब के आधार पर फ्रायण्डलिक सूत्र किया जाता है,अतः
प्रश्न – 17) एंजाइम उत्प्रेरक किसे कहतेहैं ?
उत्तर – एंजाइम उत्प्रेरक (Enzyme Catalysts) :- नाइट्रोजन युक्त उच्चअणु भार वालेवे जटिल कार्बनिकपदार्थ जो जीवोकी कोशिकाओं मेंनिर्मित होते है।तथा जैविक रासायनिकअभिक्रियाओ को उत्प्रेरितकरते है, एंजाइमकहलाते है। ये प्रोटीन होते है।
या
एंजाइम उच्च अणु भार वाले नाइट्रोजन युक्त जटिल कार्बनिक योगिक होते हैं| यह जैव रासायनिक अभिक्रियाओं के साथ-साथ अनेक रासायनिक अभिक्रियाओं को भी उत्प्रेरित करते हैं ऐसे एंजाइमों को एंजाइम उत्प्रेरक कहते हैं जैसे जाइमेज, माल्टेज, शर्करा आदि
उदाहरण :-
प्रश्न-18)कोलाॅइडी विलयन किसे कहते हैं ?
उत्तर -18) कोलाॅइडी विलयन (Colloidal Solution) – यह भी विषमांगीमिश्रण होता हैजिसमें विलेय और विलायकके कणों केआकार में भिन्नताहोती है इसमेंविलेय के कणोंका आकार 10-9m से10-7m के मध्य औरविलायक के कणोंका आकार लगभग10-9m होता है अतःकोलाइडी विलियन में विलेयके कणोंका आकारवास्तविक विलियन और निलंबनके बीच होताहै।
प्रश्न-19) वास्तविक विलियन किसे कहते हैं ?
उत्तर – वास्तविक विलियन (True Solution) – यह एक समांगी मिश्रण होता है जिस में विलय पदार्थ और विलायकों के कणों का आकार लगभग एक-सा होता है यह आकार लगभग 10 आएंगेस्ट्रांग से कम होता है
प्रश्न-20) निलंबन विलियन किसे कहते हैं ?
उत्तर – निलंबन विलियन (Suspension Solution) – यह एक विषमांगी मिश्रण है जिसमें विलायक के कणों का आकार 10 आएंगेस्ट्रांग से छोटा होता है किंतु विलय के कणों का आकार 1000 आएंगेस्ट्रांग से अधिक होता है इन कणों को नग्न आंखों से यह सूक्ष्म दर्शी से देखा जा सकता है !
For Explanation |
प्रश्न-21) कोलाॅइडी विलयन के कोई दो गुण लिखिए ?
उत्तर – कोलाॅइडी विलयन के दो गुण:-
- कोलॉइडी कण सूक्ष्मदर्शी से दिखाई नहीं देते हैं और फिल्टर पत्र में से बाहर निकल जाते हैं।
- कोलॉइडी कण धनावेशित या ऋणावेशित होते हैं।
प्रश्न-22) साॅल, जैल तथापायस किसे कहतेहै ?
उत्तर – साॅल :- जब कोईठोस पदार्थ किसीद्रव में परिक्षिप्तहोकर कोलाइडी विलियनबनाता है तोवह साॅल कहलाताहै प्रायः साॅलको ही कोलाइडीविलयन कहते हैं, जैसे सल्फाइड, फेरिक हाइड्रोक्साइड, गोल्डआदि के जलमें बने कोलाइडीविलयन है।
उत्तर – द्रव स्नेही याद्रवरोगी कोलाइड :- वे पदार्थजो परिक्षेपण माध्यमके साथ हिलाएजाने पर शीघ्रतासे कोलाइडी विलियनबनाते हैं द्रवस्नेही कोलाइड कहलाते हैं
जैसे गोंद ,स्टार्च, एल्व्यूमिन आदि।
जब परिक्षेपणपर माध्यम जरहोता है तोइन कोलाइडी पदार्थको जल – स्नेहीकोलाइड कहते हैं।
द्रव–विरोधी या द्रवविरागीकोलाइड :- ये वेपदार्थ होते हैजो परिक्षेपण माध्यमजैसे जल केसाथ मिलाएं जानेपर सरलता सेकोलाइडी विलियन नहीं बनातेहैं ।
उदाहरण :- गोल्ड, आर्सेनिक, सल्फरआदि
प्रश्न -24) द्रव–स्नेही तथा द्रव–विरोधी कोलाइड में अंतर लिखिए।
उत्तर – द्रव–स्नेही तथा द्रव–विरोधी कोलाइड में अंतर
गुण (Properties) |
द्रव स्नेही कोलाइड
(Lyophilic Colloids) |
द्रव विरोधी कोलाइड (Lyophobic Colloids)
|
पृष्ठ तनाव |
जल से कम होता है| |
लगभग जल के बराबर होता है|
|
उत्क्रमणीयता |
यह उत्क्रमणीय होते हैं | |
यह अनुत्क्रमणीय होते हैं| |
उदाहरण |
जिलेटिन, गोंद आदि के जल में घोल| |
धातु, धातु सल्फाइड आदि के जल में घोल| |
प्रश्न -25) वास्तविक विलियन और कोलाइडीविलियन में अंतरलिखिए
उत्तर – वास्तविक विलियन औरकोलाइडी विलियन में अंतर
गुण (Properties)
|
वास्तविक विलियन
(True Solution)
|
कोलाइडी विलियन
(Colloidal Solution) |
प्रकृति |
समांगी मिश्रण |
विषमांगी मिश्रण |
टिंडल प्रभाव |
प्रदर्शित नहीं करता है |
प्रदर्शित करता है |
अणुभार |
कम |
अधिक |
प्रश्न -26) अपोहन विधि कोसमझाइए।
उत्तर –अपोहन (Dialysis):-चर्म पत्र द्वाराकिसी कोलाइडी विलयनको किसी विलेयपदार्थ से मुक्तकरने की क्रियाको अपोहन कहतेहैं और इसकार्य के लिएप्रयुक्त होने वालेउपकरण को अपोहककहते हैं यहक्रिया धीरे–धीरेहोती है इसलिएयह इस क्रियाको शीघ्र पूराकरने के लिएविद्युत धारा काउपयोग भी कियाजाता है।
प्रश्न -27) टिण्डल प्रभाव किसेकहते हैं?
उत्तर –टिण्डल प्रभाव (Tyndall Effect) :- किरणमार्ग के दृश्यमानप्रदीप्त होने कीघटना को टिण्डलप्रभाव कहते हैंइस घटना काअध्ययन सर्वप्रथम जे. टिण्डलने किया थाटिण्डल ने यहबताया कि कोलाइडीकण प्रकाश कोबिखेर देते हैंअर्थात प्रकीर्णन कर देतेहैं जिसके कारणयह चमकने लगतेहैं इसे हीटिण्डल प्रभाव कहते हैं।
प्रश्न -28 ) ब्राउनी गति किसेकहते हैं?
उत्तर – ब्राउनी गति (Brownian Movement) :- कोलाइडीविलयन का अतिसूक्ष्मदर्शी से निरीक्षणकरने पर ज्ञातहोता है किकोलाइडी कण सदैवटेढ़े मेढे तरीके से सभीदिशाओं में गतिकरते रहते हैंइस प्रकार कीगति को सबसेपहले एक अंग्रेजवनस्पति शास्त्री राबर्ट ब्राउनने सन 1827 मेंअति सूक्ष्मदर्शी कीसहायता से देखाथा इसलिए इसेब्राउनी गति कहतेहैं।
प्रश्न -29) हार्डी शुल्ज का नियम लिखिए ।
उत्तर – हार्डी शुल्ज़:- अनेक स्कंदन क्रियाओं का अध्ययन करके हार्डी शुल्ज़ ने बताया कि स्कंदन क्रियाओं में वे आयन क्रियाशील होते हैं जिन पर कोलाइडी कणों के विपरीत आवेश होता है आयनों की स्कंदन शक्ति उन की संयोजकता पर निर्भर करती है
प्रश्न -30) स्वर्ण संख्या किसे कहते हैं?
उत्तर – स्वर्ण संख्या :- जिगमांडी ने अपेक्षिक रक्षण शक्ति ज्ञात करने के लिए एक संख्या निर्धारित की जिसे स्वर्ण संख्या कहते हैं इसके अनुसार यह मिली ग्रामों में रक्षी कोलाइड की वह मात्रा है जो 10 मिली में उपस्थित होने पर उसका 1 मिली द्वारा Nacl विलियन द्वारा स्कंदन होने से रोकती है स्वर्ण संख्या अधिक होने पर रक्षण संख्या कम होती है।
प्रश्न -31) पेप्टीकरण किसे कहते हैं?
उत्तर – पेप्टीकरण :- इस विधि में जिस पदार्थ का कोलाइडी विलियन बनाना होता है उसका ताजा अपक्षेप लेते हैं इस क्षेत्र में एक अन्य अभिकर्मक मिलाते हैं जो पेप्टीकारक कहलाता है इस प्रक्रिया को पेप्टीकरण कहते हैं।
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