उषा प्रियंवदा लेखक परिचय | Usha Priyamvada lekhak parichay

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उषा प्रियंवदा लेखक परिचय

लेखक परिचय
 उषा प्रियंवदा (जन्म 24  दिसम्बर 1930)
  1. रचनाएं
  2. भाषा शैली
  3. साहित्य में स्थान

रचनाएं :- कितना बड़ा झूठ, शेष यात्रा, जिंदगी और गुलाब आदि |

भाषा शैली :- उषा जी ने सरल ,सुस्थिर, संयत एवं बोद्धग्मय खड़ी बोली का प्रयोग किया है|| लघु वाक्य विन्यास कहावतो तथा मुहावरों का प्रयोग भाषा का सरल रूप है शब्दों के सामाजिक प्रयोगों से उषा प्रियंवदा के साहित्य की भाषा में कसावट विद्यमान रहती है ।
                                                   उषा जी ने भावात्मक, विवरणात्मक तथा व्यंगात्मक शैली का प्रयोग किया है भावुकता, माधुर्य और प्रवाह उनकी शैली की विशेषताएं हैं उनकी सहज कथन शैली तथा यथार्थ का चित्रण बेजोड़ है।

साहित्य में स्थान :-सामाजिक मनोवैज्ञानिक स्तर से यथार्थ का सजीव चित्रण करके लेखिका हिंदी कथा साहित्य में अपना उच्च स्थान निर्धारित करती हैं उषा जी आधुनिक समाज की एक आदर्श कलाकार है। उषा प्रियंवदा वर्ष 2007 के पद्मभूषण डॉ॰ मोटूरि सत्यनारायण पुरस्कार से सम्मानित है। 

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